मार्केटिंग मैनेजमेंट क्या है? | What is Marketing Management in Hindi

What is Marketing Management in Hindi : लगभग हर दिन मार्केट में कोई न कोई न्यू प्रॉडक्ट या सर्विस आती ही रहती हैं लेकिन उनमें से कुछ पॉपुलर हो जाती है कुछ प्रोडक्ट्स तो कब आये कब चले गए हमें पता ही नहीं चलता लेकिन ऐसा क्यों क्या सिर्फ इसलिए कि जो प्रोडक्ट्स आज मार्केट में हिट है केवल वही बेस्ट क्वॉलिटी के प्रोडक्ट्स है इसलिए वो मार्केट में टिके हुए हैं जो कि बाकी गायब हो चुके हैं या फिर कोई और रीज़न भी है ऐक्चूअली बिज़नेस करना एक ऐसा इम्पोर्टेन्ट फैक्टर है.

जो किसी ब्रैंड के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज की सक्सेस में बहुत बड़ा रोल प्ले करता है और वो हैं मार्केटिंग जी हाँ जिन प्रोडक्ट्स, जिन सर्विसेज इन ब्रैन्डस की सही मार्केटिंग की जाती है उनके सक्सेसफुल होने के चान्सेस बहुत बढ़ जाते है यानी मार्केटिंग बिज़नेस का बहुत ही पावरफुल टूल हैं लेकिन ये मार्केटिंग काम कैसे करती है इससे मैनेज कैसे किया जाता है आइये आज हम इसके बारे में बात कर लेते हैं अगर आप भी इसके बारे में पूरी जानकारी चाहते है तो हमारे इस आर्टिकल को पूरा पढ़ें.

What is Marketing Management in Hindi
What is Marketing Management in Hindi

मार्केटिंग मैनेजमेंट क्या होता है?

मार्केटिंग मैनेजमेंट एक कंपनी की ग्रोथ का ऐसेंशियल पार्ट है जो मार्केट में अपनी कंपनी के लिए ऐसी ऑपर्च्युनिटीज फाइन्ड आउट करता है जो प्रॉफिटेबल हो और फिर उन ऑपर्चुनिटीज को क्रीएट करके कस्टमर्स को सटिस्फाइड करता है मार्केटिंग मैनेजमेंट एक कंपनी ऑर्गेनाइजेशन की मार्केटिंग स्ट्रैटिजी की प्लैन्टिंग एग्जिक्यूटिव ट्रैकिंग का प्रोसेस है इसमें मार्केटिंग प्लैन, कैंपेनस और वो टेक्निक्स शामिल होती हैं जिनका यूज़ करके टारगेट कस्टमर्स में डिमांड क्रिएट की जाती है और फिर उस डिमांड को पूरा किया जाता है ताकि प्रॉफिट गेन किया जा सके.

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एक बिज़नेस को प्रोमोट करने के लिए स्ट्रेटजी, टूल्स और एनालिसिस का यूज़ करना ही तो मार्केटिंग मैनेजमेंट है इसमें पास्ट मार्केटिंग कैंपेन्स के इम्पैक्ट भी मेजर किए जाते हैं और कस्टमर फीडबैक और सेल्स ट्रेंड्स को ध्यान में रखकर ही कंपनी का ओवरऑल प्लान तैयार किया जाता है इसकी खास बात यही है कि ये कन्स्यूमर ओरिएंटेड होती है इसलिए इसमें कंपनी की उन सर्विसेज़ को फाइन्ड आउट किया जाता है जो कंज्यूमर्स को सटिस्फाइ कर रही है और उन सर्विसेज़ का भी पता लगाया जाता है जो कन्स्यूमर नीड्स और एक्सपेक्टेशन्स वो फुलफिल करने में फेल हो गई है जिससे उनके अनुसार ऐक्शन लिया जा सके.

इसका मतलब मार्केटिंग मैनेजमेंट तो एक कंपनी के लिए बहुत इम्पोर्टेन्स रखती है क्योंकि ये मार्केट के हाइली कॉम्पिटिटिव एनवायरनमेंट में कंपनी को टिके रहने में मदद करती है ये प्रॉफिट्स में सुधार करने और प्रोडक्ट्स पोस्ट को रिड्यूस करने की स्ट्रैटिजी डेवलप करने में भी मदद करती है कंपनी की इकोनॉमी को बूस्ट करने में इसका काफी बड़ा सपोर्ट होता है ये न्यू आइडियाज़ को प्रोमोट भी करती है।

मार्केटिंग मैनेजमेंट के ऑब्जेक्टिव्स क्या है?

मार्केटिंग मैनेजमेंट के बेसिक इम्पोर्टेन्ट ऑब्जेक्टिव्स है प्रोडक्ट्स की सेल्स को इन्क्रीज़ करने के लिए न्यू कस्टमर्स को अट्रैक्ट करना, कस्टमर्स की डिमांड को सटिस्फाइड करना, मार्केट टारगेट को अचीव कर के प्रॉफिट गेन करना, डिस्काउंट्स और प्रमोशन्स के जरिए मैक्सिमम मार्केट सेल अचीव करना और गुड पब्लिक रेपुटेशन क्रिएट करना तो ऐसे मार्केटिंग मैनेजमेंट को हैंडल करने के लिए ऐसे मार्केटिंग प्रोफेशनल्स की टीम का होना जरूरी होता है जो मार्केटिंग मैनेजमेंट स्ट्रैटिजीज़ को सही तरह इम्प्लिमेंट कर सके और इसके लिए इस टीम में इन मेंबर्स को हायर किया जाता है।

मार्केटिंग मैनेजर

ये कंपनी प्रोडक्शन सर्विसेज के प्रमोशन के इंचार्ज होते हैं और अपनी टीम के साथ मिल करके डेटा एनालाइज करके मार्केटिंग एफर्ट्स को अडजेस्ट करते हैं फंड्स को एलोकेट करते हैं और न्यू प्रोमोशन्स की तैयारी करते हैं।

डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग

एक बिज़नेस के पूरे मार्केटिंग डिपार्टमेंट को एक डायरेक्टर ऑफ मार्केटिंग या मार्केटिंग डायरेक्टर ही देखता है वो लॉन्ग टर्म मार्केटिंग प्लान्स पर फोकस करता है और कंपनी लीडर्स के साथ कोलैबरेट करके डिमांड का अनुमान लगाता है जिससे उस डिमांड को लगातार ग्रो करने के लिए मार्केटिंग स्ट्रैटिजी बनाई जा सके।

सोशल मीडिया मैनेजर

ये कस्टमर्स के साथ इंटरैक्ट करता है और सोशल मीडिया ऐडवर्टाइजमेंट और कन्टेन्ट क्रिएशन का यूज़ करके ऑडियंस को टारगेट करता है कंपनी की पॉलिसीज और प्रमोशन्स को पोटेंशियल कस्टमर्स तक ऑनलाइन पहुंचाना इनका काम होता है जिससे कस्टमर्स कंपनी के प्रोडक्ट्स और बैंड के बारे में ज्यादा से ज्यादा जान सकें यानी मार्केटिंग मैनेजमेंट तो वाकई में एक टीम वर्क है।

मार्केटिंग मैनेजमेंट के चार एलिमेंट्स क्या हैं?

मार्केटिंग मैनेजमेंट के चार एलिमेंट्स है-

Goal Setting

मार्केटिंग मैनेजमेंट बेसिस यही है कि अचीवेबल गोल सेट किए जाएं और एक टाइम लाइन क्रिएट करके उन गोल्स को अचीव किया जाए ताकि सक्सेस की तरफ बढ़ा जा सके गोल सेटिंग के टाइम इसमें सेल्स गोल्स, बजट एक्सपेक्टेशन्स और ब्रेन डेवलपमेंट प्लान्स को इन्क्लूड किया जाना चाहिए।

को-ऑर्डिनेशन

मार्केटिंग कैंपेन की सक्सेस के लिए ज़रूरी है कि कंपनी लीडर्स क्रिएटिव टीम और फ्रंट बेसिंग स्टाफ के बीच कोलैबोरेशन हो मार्केटिंग एफर्ट्स को इफेक्टिवली को-ऑर्डिनेट करने के लिए बिज़नेस ओनर्स अपने ब्रैंड के लिए एक सेंट्रल विज़न डेवलप करते हैं ताकि ये गाइडेंस दी जा सके कि मार्केटिंग मैटिरियल्स कैसे दिखेंगे और कैसे ब्रैंड ऐंबैसडर उनकी ऑडियंस से इंटरैक्ट करेंगे।

मार्केट रिसर्च

मार्केटिंग मैनेजमेंट डिटेल्ड मार्केट रिसर्च पर बेस्ड होता है मार्केट रिसर्च उन एरियाज़ को आइडेंटिफाइ करता है जहाँ आपका बिज़नेस सक्सेसफुल हो सकता है और इसमें आने वाले चैलेंजेस को हाइलाइट भी करता है।

रिलेशनशिप बिल्डिंग

मार्केटिंग मैनेजमेंट स्ट्रैटिजी अगर इफेक्टिव हो तो न्यू कस्टमर जुड़ते हैं और ओल्ड कस्टमर्स के साथ स्ट्रॉन्ग रिलेशनशिप बिल्ड होता है जो कस्टमर्स को रिपीट परचेस के लिए एनकरेज करता है और वर्ड ऑफ माउथ मार्केटिंग के लिए भी एनकरेज करता है.

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मार्केटिंग के 5 कॉन्सेप्ट क्या होते है?

मार्केटिंग कॉन्सेप्ट में कंपनी के साथ कन्स्यूमर के इंटरैक्शन के डिफ़रेंट पास से रिलेट करते हैं-

प्रोडक्शन

इस कॉन्सेप्ट के हिसाब से कन्स्यूमर्स ऐसे प्रोडक्ट्स खरीदना चाहते हैं जो कि सस्ते हों और जिन्हें ऐक्सेस करना आसान हो।

प्रोडक्ट

ये कॉन्सेप्ट कहता है कि कस्टमर्स हाई क्वालिटी वाले और इनोवेटिव गुड सेल्स सर्विस चाहते है।

सेलिंग

इस कॉन्सेप्ट के अकॉर्डिंग बिज़नेस को सेल्स के लिए प्रोडक्ट्स को ऐक्टिवली प्रोमोट करना चाहिए।

मार्केटिंग

ये कॉन्सेप्ट कहता है कि एक कंपनी की सक्सेस अपने कस्टमर्स की नीड्स को फुलफिल करने की एबिलिटी पर ज्यादा डिपेंड करती है बजाय कॉंपिटिटर्स पर फोकस करने के।

सोशिटल (Societal) मार्केटिंग  

इस कॉन्सेप्ट के हिसाब से कस्टमर्स ऐसे बिज़नेस में इंटरेस्टेड होते हैं जो सोसाइटी को ओवरऑल बेनिफिट पहुंचाते हैं।

तो इन पांच कॉन्सेप्ट को ध्यान में रखते हुए फुलफिल करने के लिए जो मेजर मार्केटिंग टेक्निक्स के बारे में भी जानकारी होना जरूरी है।

मेजर मार्केटिंग टेक्निक्स में यूज होने वाली 10 टेक्निक्स क्या है?

मेजर मार्केटिंग टेक्निक्स में यूज होने वाली ये 10 टेक्निक्स है-

डिजिटल मार्केटिंग

डिजिटल मार्केटिंग यानी की कॉन्टेंट मार्केटिंग, सोशल मीडिया मार्केटिंग, एसईओ, एसईएम, ऐक्टिविटीज़ करना।

पेड एडवरटाइजिंग

जैसे की प्रिंट मीडिया या डिजिटल प्लेसमेन्ट जिसमें पीपीसी यानी पे पर क्लिक भी इन्क्लूड हो सकता है।

ईमेल मार्केटिंग

जैसे कस्टमर्स को ईमेल सेंड करके एंगेज रखना।

अकाउंट बेस्ट मार्केटिंग

जिसमें मार्केटिंग और सेल्स डिपार्टमेंट मिलकर के हाई वैल्यू अकाउन्ट्स को आइडेंटिफाइ करते हैं ताकि पर्सनलाइज्ड मार्केटिंग एफर्ट्स को लॉन्च किया जा सके।

कॉस मार्केटिंग

टारगेट ऑडियंस तक पहुंचने के लिए किसी सोशल कॉस या इश्यू से अपने गुड या सर्विस को लिंक करना।

रिलेशनशिप मार्केटिंग

अपने कस्टमर्स के साथ एक रिलेशनशिप बिल्ड करना और एग्ज़िस्टिंग रिलेशनशिप्स को इम्प्रूव करना ताकि ब्रैंड लॉयल्टी इम्प्रूव हो सके।

अंडरकवर मार्केटिंग

अपने प्रॉडक्ट की मार्केटिंग करना जिसका अंदाजा कस्टमर को ना हो सके।

वर्ड ऑफ माउथ

किसी बिज़नेस के प्रोडक्ट्स और सर्विसेज से इम्प्रेस्ड कस्टमर्स का उन गुड सेल्स सर्विसेज को प्रोमोट करना जिससे सेल्स और लॉयल्टी दोनों बिल्ड होती है.

इंटरनेट मार्केटिंग

इंटरनेट और डिजिटल प्लेटफॉर्म का यूज़ करके ऐसी कॉन्टैक्ट स्ट्रैटिजी बनाना जो कि बिज़नेस के गुड सेल्स सर्विसेज़ को एडवर्टाइज करें.

ट्रान्ज़ैक्शन मार्केटिंग

कूपन्स, डिस्काउंट्स और इवेंट्स के जरिए टारगेट ऑडियंस को अट्रैक्ट करना और सेल्स को बढ़ाना.

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तो इस तरह से आप मार्केटिंग मैनेजमेंट कर सकते है और आप हमारे इस आर्टिकल के द्वारा मार्केटिंग टेक्निक्स भी जान चुके हैं कि मैनेजमेंट मार्केटिंग बिज़नेस का एक बहुत बड़ा पार्ट होता है जो कि उस बिज़नेस की सक्सेस और ग्रोथ में काफी बड़ा कॉन्ट्रिब्यूशन दिया करता है और जो बिज़नेस मैनेजमेंट मार्केटिंग के फंडे को समझकर इसका सही जगह पर सही तरह यूज़ करना चाहते हैं उन्हीं के नाम मार्केट में सालों साल चलते रहते है और कन्स्यूमर में भी अच्छे से जान जाते हैं इसलिए हर बिज़नेस को मार्केटिंग मैनेजमेंट करना आना चाहिए.

आज आपने क्या सीखा?

तो आज इस आर्टिकल में हमने आपको What is Marketing Management in Hindi से सम्बंधित पूरी जानकारी दी है उम्मीद करते हैं कि यह जानकारी आपको सही से समझ में आ गयी होगी इसके अलावा अगर आपका इससे रिलेटेड कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट में पूछ सकते हैं.

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